tag:blogger.com,1999:blog-8771512171651357396.post914958374226751779..comments2023-08-08T05:07:47.564-07:00Comments on अहसास की परतें - समीक्षा: अनवर जमाल के द्वारा लिया गया एक प्रशंसनीय कदमअहसास की परतें - oldhttp://www.blogger.com/profile/12541799601201741914noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-8771512171651357396.post-11526749528709773592011-03-27T14:46:49.255-07:002011-03-27T14:46:49.255-07:00एक दिन और रुक लो जमाल उत्तर देता हूंएक दिन और रुक लो जमाल उत्तर देता हूंअहसास की परतें - समीक्षाhttps://www.blogger.com/profile/16629975109806263394noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8771512171651357396.post-63944049789176317222011-03-24T21:38:44.637-07:002011-03-24T21:38:44.637-07:00@ भाई ! मैं आपके उत्तर की प्रतीक्षा में हूँ ,
कृ...@ भाई ! मैं आपके उत्तर की प्रतीक्षा में हूँ ,<br />कृपया मुझे नियम कायदे बताएं और न्यायपूर्वक मुझे अपनी मर्जी के मुताबिक़ तराश लीजिये .<br />आपकी खामोशी ऐसे हे जारी रही तो फिर मैं खुद अपनी मर्जी से कुछ करने मजबूर हो जाउंगा<br />और तब आप मेरे कामों में गलतियाँ निकलने तुरंत आ जायेंगे जबकि आज आप पूछने पर भी नहीं बता रहे हैं ?DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8771512171651357396.post-40196656530396707822011-03-21T21:02:26.387-07:002011-03-21T21:02:26.387-07:00रोहित जी आप कृपया जाकिर अली का नाम इन मूर्खों और ध...रोहित जी आप कृपया जाकिर अली का नाम इन मूर्खों और धर्मान्धो के बीच ना ले तो अच्छा है इस तरह से तो आप एक आत्घाती भूल करेगे जिसका प्रायश्चित्त संभव नही होगा रही बात जमाल की तो एक बार मै भी झांसे में आ गया था कि वह सुधर जाएगा किन्तु ऐसा ना हो सका इसका एक ही इलाज है कि इसे अकेले चिल्लाने दिया जाय जिससे थोड़े दिन में यह अपने आप थक कर शांत हो जायेगा जैसा कि अभी हुआ है.PAWAN VIJAYhttps://www.blogger.com/profile/14648578581549077487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8771512171651357396.post-80209414894333477292011-03-21T12:15:54.678-07:002011-03-21T12:15:54.678-07:00bhai wo pada likha jo seekha wahi to likhegebhai wo pada likha jo seekha wahi to likhegeAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8771512171651357396.post-15877587390383201202011-03-20T04:26:24.769-07:002011-03-20T04:26:24.769-07:00होली के पावन पर्व पर आप सभी को आपको सपरिवार हार्दि...होली के पावन पर्व पर आप सभी को आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं ! ईश्वर से प्रार्थना है कि रंगों का यह अद्भुत पर्व आप सभी के जीवन में हर्ष और उल्लास, सुख तथा समृद्धि तथा स्वास्थ्य और सफलता की ढेर सारी खुशियाँ लेकर आये ! होली मुबारक हो !मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8771512171651357396.post-62385458274955499102011-03-20T04:24:40.233-07:002011-03-20T04:24:40.233-07:00अनवर जमाल जी की विद्द्वता को तो मानना पड़ेगा तथा...अनवर जमाल जी की विद्द्वता को तो मानना पड़ेगा तथा उनका बहुत धन्यवाद जो उन्होंने वेदों की महानता के बारे में आम हिन्दू जनता को याद दिलाया. लेकिन दुःख तभी होता है जब वो एकपक्षीय तर्क रखते हैं. वे हिन्दू धर्मग्रंथों की उन व्याख्याओं अनुवादों को आधार मान के चलते हैं जिसे आम प्रबुद्ध हिन्दू जनता स्वीकार नहीं करती है. किन्तु धर्म ग्रन्थ कुरान के सम्बन्ध में एक भी आक्षेप सुनने को तैयार नहीं. हम तो खुल के मानते हैं की हाँ! हमारे धर्म ग्रंथों में बहुत सी गलत अवैज्ञानिक बाते बाद के समय में प्रविष्ट की गयीं. उन्ही बातों को आधार बना के आप कुरान को सर्वश्रेष्ठ साबित करने में लगे हैं . क्या इन्होने कभी गलती स्वीकार की? ये कुरान की गलत बातों का विरोध कर भी नहीं सकते. क्यों की मुस्लिम धर्म इसकी आजादी नहीं देता . इसकी परिणिति हम मुस्लिम देशों में इश निंदा के कानून के रूप में देख सकते हैं . याद रखें की यदि आप किसी की ओर ऊँगली उठाते है तो बाकी की उँगलियाँ आप की और भी उठती हैं. हमारा कर्त्तव्य है की पहले हम अपना घर सुधारें उसके बाद दुसरे को सुधारने की कोशिश करें तो हर व्यक्ति आपका स्वागत करेगा. आपका उपदेश तभी काम करेगा जब आप खुद उस पर अमल करते हों . अपने कुतर्कों के द्वारा मांसाहार को जायज ठहराना बहुत ही क्रूर प्रथा खतना का समर्थन करना ये कहाँ तक उचित है. आज हमारे लिए उचित है की हिन्दू या मुस्लिम धर्म से ऊँचे उठ कर इंसानियत का धर्म अपनाएं . इश्वर उनको सद्बुद्धि दे की वो अपना ज्ञान उचित दिशा में प्रयोग करें तथा ऐसे ही सुधार जारी रखें .मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8771512171651357396.post-4913813063482472912011-03-20T02:51:43.176-07:002011-03-20T02:51:43.176-07:00ये सब जेहादी अपने कर्मो के कारण बहुत जूते खायेँगे....ये सब जेहादी अपने कर्मो के कारण बहुत जूते खायेँगे.<br />जैसे पाकिस्तान मे अमेरिका के ड़्रोन हमले मे रोज ये सब कीड़े मकोड़ो की तरह मर रहे है<br />अभी लीबिया मे भी फ्रांस और अन्य देशो ने बम से हमला शुरु कर दिया है<br />वहाँ भी ये कीड़े मकोड़ो की तरह मर रहे है.<br />ये सब इसी लायक है<br />इन्होने जितने गंदे कर्म किये है उसकी सजा तो इन्हे भुगतनी ही पड़ेगी.ROHIThttps://www.blogger.com/profile/06777108993458979775noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8771512171651357396.post-35269759198219767272011-03-20T02:41:29.641-07:002011-03-20T02:41:29.641-07:00और इस ब्लाग जगत मे भी फिरदौस खान जैसे एक दो मुसलम...और इस ब्लाग जगत मे भी फिरदौस खान जैसे एक दो मुसलमान को छोड़कर बाकि सब इसी जमाल की जमात के चेले है. <br />चाहे वो एम एस मासूम हो या जाकिर अली रजनीश, सलीम खान ,शरीफ खान आदि<br />ये सब इसी जमाल की तरह जेहादी मानसिकता वाले हैROHIThttps://www.blogger.com/profile/06777108993458979775noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8771512171651357396.post-72639225703976826882011-03-20T02:33:35.753-07:002011-03-20T02:33:35.753-07:00और आप भी इस जमालगोटा पे अपना समय न बर्बाद करे.
ये ...और आप भी इस जमालगोटा पे अपना समय न बर्बाद करे.<br />ये जो भी लिखता है उससे इसकी असलियत और इसकी मानसिकता सब सामने आ जाती है. और लोग इसको गालिया देते है. और समझ जाते है कि इस देश मे रहने वाले मुसलमानो के मन मे क्या घिनौनी साजिशे चल रही है<br />और हिँदु ऐसे ब्लागर जेहादियो से खुद ब खुद सावधान हो जाते है.<br />इसलिये आप इस जेहादी पर अपना कीमती समय न बर्बाद करे.<br />ये लोग खुद ही अपने गंदे कर्मो के कारण कुत्ते से भी बदतर जिँदगी जियेँगे.ROHIThttps://www.blogger.com/profile/06777108993458979775noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8771512171651357396.post-9348756063584162602011-03-20T02:21:35.042-07:002011-03-20T02:21:35.042-07:00ये रंगा सियार अनवर जमाल कभी सुधर नही सकता.
इसने पह...ये रंगा सियार अनवर जमाल कभी सुधर नही सकता.<br />इसने पहले भारत के खण्डित नक्शे को अपने ब्लाग पर लगाकर बहुत बड़ा देशद्रोह का काम किया था.<br />और अगर आज इसने वो नक्शा सही किया है तो इसने बहुत बड़ा अहसान नही कर दिया. बल्कि इसको आगे चलकर जूते न पड़े इसलिये इसने डर के मारे ऐसा किया.<br />ये पाकिस्तानी ऐजेँट है. <br />इसकी मानसिकता बहुत घिनौनी है.ROHIThttps://www.blogger.com/profile/06777108993458979775noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8771512171651357396.post-37576329273152251972011-03-20T02:13:48.886-07:002011-03-20T02:13:48.886-07:003. मैं अपने देशवासियों में अनुशासनहीनता और पाखंड क...3. मैं अपने देशवासियों में अनुशासनहीनता और पाखंड का आम रिवाज देख रहा हूं। एक आदमी खुद को मुसलमान कहता है और शराब का व्यापारी है। जब इसलाम में शराब हराम है तो कोई मुसलमान शराब का व्यापार कर ही कैसे सकता है ?<br />कैसे कोई मुसलमान सूद ले सकता है ?<br />कैसे कोई मुसलमान खुद को ऊंची जाति का घोषित कर सकता है जबकि इसलाम में न सूद है और न ही जातिगत ऊंचनीच ?<br />ऐसा केवल इसलिए है कि इसलाम उनके जीवन में नहीं है बस केवल आस्था में है। चोरी, व्यभिचार, हत्या, बलवा और बहुत से जुर्म आज मुस्लिम समाज में आम हैं जबकि वे सभी इसलाम में हराम हैं। <br />यही हाल हिंदू समाज का है कि हिंदू दर्शन सबसे ज़्यादा चोट ‘माया मोह‘ पर करता है और मैं देखता हूं कि हिंदू समाज में धार्मिक जुलूसों में रथों की रास पकड़ने से लेकर चंवर डुलाने तक हरेक पद की नीलामी होती है और पैसे के बल पर ‘माया के मालिक‘ इन पदों पर विराजमान होकर अपनी शान ऊंची करते हैं। दहेज भी ये लोग लेते हैं और कन्या भ्रूण हत्या भी केवल दहेज के डर से ही की जा रही है। <br />जो सन्यासी इन्हें रोक सकते थे, उनके पास भी आज अरबों खरबों रूपये की संपत्ति जमा है। हिंदू बालाएं फ़ैशन और डांस के नाम पर अश्लीलता परोस रही हैं जबकि काम-वासना और अश्लीलता से उन्हें रूकने के लिए खुद उनका धर्म कहता है।<br />मैं चाहता हूं कि हरेक नर नारी जिस सिद्धांत को अपनी आत्मा की गहराई से सत्य मानता हो, वह उस पर अवश्य चले वर्ना पाखंड रचाकर समाज में धर्म को बदनाम न करे।<br />हिंदू हो या मुसलमान जब वे नशा करते हैं, दंगों में एक दूसरे का खून बहाते हैं तो उससे धर्म बदनाम होता है। जो लोग कम अक़्ल रखते हैं और धर्म के आधार पर लोगों को नहीं परखते बल्कि लोगों के कामों को ही धर्म समझते हैं वे धर्म का विरोध करने लगते हैं और दूसरों को भी धर्म के खि़लाफ़ बग़ावत के लिए उकसाते हैं जैसा कि पिछले दिनों एक वकील साहब ने किया।<br />धर्म को बदनाम करने वाले पाखंडियों को धर्म पर चलने के लिए कहना ग़लत है क्या ? <br />धर्म का विरोध करने वाले नास्तिकों को ईश्वर और धर्म की खिल्ली उड़ाने से कैसे रोका जाए ?<br />इसी तरह के कुछ सवाल और भी हैं जो इनसे ही उपजते हैं। <br />मैंने कभी हिंदू धर्म की निंदा नहीं की और हमेशा हिंदू महापुरूषों का आदर किया और उनका आदर करने की ही शिक्षा दी। मेरी सैकड़ों पोस्ट्स इस बात की गवाह हैं। मैं खुद को भी एक हिंदू ही मानता हूं लेकिन डिफ़रेंट और यूनिक टाइप का हिंदू। बहरहाल, अगर आप मुझे हिंदू नहीं मानते तो न मानें। मैं इस पर बहस नहीं करूंगा लेकिन मैं यह ज़रूर चाहूंगा कि आप उपरोक्त सवालों पर ग़ौर करके मेरे नव अवतरण की रूपरेखा बना दें ताकि मेरे शब्द आपके लिए किसी भी तरह कष्ट का कारण न बनें।<br />मैं आपका आभारी रहूंगा।<br />शुक्रिया !DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8771512171651357396.post-54120101835409511132011-03-20T02:13:32.366-07:002011-03-20T02:13:32.366-07:00आप मेरे नव अवतरण की रूपरेखा बना दें
आपकी पोस्ट को ...<b>आप मेरे नव अवतरण की रूपरेखा बना दें</b><br />आपकी पोस्ट को मैंने दोबारा फिर पढ़ा तो मेरी नज़र आपके इस वाक्य पर अटक गई :<br />आप ऐसे ही करते रहे तो मेरी दुकान बंद हो जाएगी और मैं बहुत सुखी इंसान हो जाऊंगाए क्योंकि मेरा विरोध अनवर जमाल से नही उन बातों से है जिनका विरोध आपने मेरे ब्लॉग पर देखाए मेरी मौत एक सुखद घटना होगी और आपका नव अवतरण उससे भी सुखद।<br /><br />इसमें कुछ बिन्दु हैं , जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए<br />1. मेरी दुकान बंद हो जाएगी।<br />2. मैं सुखी इंसान हो जाऊंगा।<br />3. मेरा विरोध अनवर जमाल से नहीं है।<br />4. मेरी मौत एक सुखद घटना होगी।<br />5. आपका नव अवतरण उससे भी ज़्यादा सुखद होगा।<br /><br />जब इन तथ्यों पर मैं ईमानदारी से सोचता हूं तो मैं खुद चाहता हूं कि आप एक सुखी इंसान हो जाएं लेकिन मैं यह नहीं चाहता कि आपके ब्लॉग की मौत हो जाए। आप अच्छा लिखते हैं और मैं आपको पढ़ता हूं। आपने मेरी जायज़ बातों का भी विरोध किया, इसलिए मैंने आपकी बात को गंभीरता से नहीं लिया और उसका नतीजा यह हुआ कि जहां आप सही थे, उसे भी मैंने नज़रअंदाज़ कर दिया। यह मेरी ग़लती थी, जिसे कि मैंने आपकी सलाह के मुताबिक़ सुधार लिया है।<br />आपने मेरे नव अवतरण के प्रति भी अच्छी आशा जताई है और मैं खुद भी यही चाहता हूं कि मेरी वजह से आपमें से किसी को कोई कष्ट न पहुंचे। मेरे नव अवतरण की आउट लाइंस क्या होंगी ?<br />यह मैं अभी तक तय नहीं कर पा रहा हूं। इसलिए मैं चाहता हूं कि आप ही मेरे नव अवतरण की रूपरेखा तैयार कर दीजिए और मैं उसे फ़ॉलो कर लूं।<br />मेरे नव अवतरण की भूमिका तैयार करना खुद मेरे लिए जिन कारणों से मुश्किल हो रहा है, वे प्रश्न आपको भी परेशान करेंगे लेकिन मुझे उम्मीद है कि आपकी प्रबुद्ध मंडली उनका कुछ न कुछ हल निकालने में ज़रूर कामयाब होगी।<br />जो चीज़ मुझे इस वर्चुअल दुनिया में लाई है वह है ईश्वर, धर्म और धार्मिक महापुरूषों का मज़ाक़ बना लेना। <br />मैं इसे पसंद नहीं करता कि कोई भी व्यक्ति ऐसा करे। इनमें से कुछ लोग रंजिशन ऐसा करते हैं और ज़्यादातर नादानी की वजह से। आज भी श्रीरामचंद्र जी , श्रीकृष्ण जी और शिवजी के बारे में ग़लत बातें लिखी जा रही हैं। मुझे कोई एक भी हिंदू कहलाने वाला भाई ऐसा नज़र नहीं आया जो कि उन्हें इन महापुरूषों की सच्ची शान बता सकता। मैंने जब भी बताया तो मुझसे यह कहा गया कि आप एक मुसलमान हैं, आप हमारे मामलों में दख़ल न दें। <br />1. आप मुझे बताएं कि अगर हिंदू महापुरूषों और ऋषियों का अपमान कोई हिंदू करता है तो क्या मुझे मूकदर्शक बने रहना चाहिए ?<br />2. कुछ हिंदू भाई ऐसा लिखते रहते हैं कि कुरआन में अज्ञान की बातें हैं, अल्लाह को गणित नहीं आता, मांस खाना राक्षसों का काम है, औरतों के हक़ में इसलाम एक लानत है। इससे भी बढ़कर पैग़म्बर साहब की शान में ऐसी गुस्ताख़ी करते हैं, जिन्हें मैं लिख भी नहीं सकता। दर्जनों ब्लाग और साइटों पर तो मैं खुद अपील कर चुका हूं और ऐसे अड्डे सैकड़ों से ज़्यादा हैं। जब इस तरह की पोस्ट पर मैं हिंदी ब्लाग जगत के ‘मार्गदर्शकों‘ को वाह वाह करते देखता हूं तो पता चलता है कि अज्ञानता और सांप्रदायिकता किस किस के मन में कितनी गहरी बैठी हुई है ? <br />ऐसी पोस्ट्स पर मेरी प्रतिक्रिया क्या होनी चाहिए ?DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8771512171651357396.post-33790257375287742752011-03-19T18:17:34.159-07:002011-03-19T18:17:34.159-07:00ग़लती ग़लती होती है , जो भी आदमी ग़लतियाँ बताता है वा...ग़लती ग़लती होती है , जो भी आदमी ग़लतियाँ बताता है वास्तव में सच्चा दोस्त वही होता है। मुझे ऐसी ग़लतियाँ दोहराने से क्या फ़ायदा , जिनकी वजह से मेरा ख़ुदा भी नाराज़ हो और मेरे हमवतन बंधु भी । लोग तो मुझे एक टिप्पणी तक देने से बचते हैं और आपने एक पूरा ब्लॉग ही मेरे लिए बना डाला , किसी के ब्लॉग की समीक्षा आज तक ऐसे न की गई । आपने मुझे अपना ध्यान और प्रचार दिया । इसके लिए मैं आपको शुक्रिया के सिवा कुछ भी नहीं कह सकता।<br />हमारा पुराना ज़मींदारा अब बाक़ी नहीं बचा वर्ना आपकी पूरी टीम को कुछ अशर्फ़ियाँ ज़रूर देता ।<br />उस दाता से दुआ करता हूँ कि आपको हर तरह दौलत से भर दे।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.com