कहते हैं कि जो जैसा होता है उसे सब वैसे ही दीखते हैं।
एक बार एक साधु रास्ते मे बेहोश हो गिर पडा, उधर से गुजरते एक बेवडे ने सोचा कि ज्यादा पीने से ऐसा हुआ है, चोर ने सोचा कि चोरी करने के बाद बचने के लिए साधु वेश मे नाटक कर रहा है जबकि एक साधु ने सही पहचानते हुए उनका उपचार किया। इसी प्रकार यदि ज़माल को सब चोर दिखते हैं सभी बेईमान दिखते हैं तो ज़माल का इमान कैसा होगा खुद बखुद समझ आ जाता है।
बेचारे मंजुनाथ, सत्येन्द्र नाथ इत्यादि की शहादत की कीमत वो क्या जानेगा जो अपने देश की आत्मा को न जान सका।
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/12/duty-of-man_9894.html
दोषी स्रिफ इन्सान हो सकता है ,पर कीमत भी इंसान की होती है
ReplyDeleteये जमाल तो खुद गद्दार है लोगो को गुमराह कटा है ये क्या दूसरो को समझा सकता है
ReplyDeletesahi kaha aapne jo jaisa hota hai
ReplyDeletewasi hi pratikriya karata hai
जमाल गोटा बहुत बेशरम है
ReplyDeleteइतनी गालिया खाने के बाद भी सुधरा नही
ब्लागजगत का सबसे बदनाम ब्लागर है जमालगोटा.
अ--आतंकवादी
ReplyDeleteन--नमकहराम
व--वेशरम
र--रंगा सियार
ज--जमूरा
मा--मुफ्तखोर
ल--लंपट
'भंडाफोड़ू ' पर शर्मा जी की नयी पोस्ट पढ़े
ReplyDeleteभाई समीक्षा सिंह जी ! आपने हमसे Chat पर फोटो माँगे थे और मेरे दिए लिंक में से आपने दो का चयन किया था , वे आपने किस पोस्ट में लगाए हैं ? यहाँ तो उनमें से कोई नज़र ही नहीं आ रहा है ?
ReplyDeleteपहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ पर आपके ब्लॉग पर
ReplyDeleteआकर प्रसंता हुई जितनी तारीफ़ की जाय कम है ।
बहुत ख़ूबसूरत लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है!
आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!