Saturday, January 29, 2011

ऋषियों को नाहक़ इल्ज़ाम न दो The truth about great rishies ? part second

अनवर जमालगोटा जी को बड़ा कष्ट है कि हिन्दू धर्म ग्रन्थों के साथ खिलवाड हो रहा है, इसके लिए वो दिन रात मगरमच्छी आंसू बहाते रहते हैं। इस पर बड़ा श्रम भी करते हैं।

अपने अरब स्वामियों के द्वारा दिए गये पैसों पर चलने वाले मुद्रक संस्थाओं मे कुछ भाडे के टट्टू पाल रखे हैं जो कि इनके कहे अनुसार लिख देते हैं और ये उसी का हवाला दे कर दुनिया मे नाचते रहते हैं।

दुनिया से यत्न पूर्वक इस बात को छुपाते हैं कि पुराणों का लेखन मुगल काल मे हुआ था, स्वमेव ही समझ मे आने वाली बात है कि ऐसे मे उस पर क्या प्रभाव रहा होगा।

संस्कृत की गलत व्याख्या करके गलत को सही सिद्ध करने का अनथक प्रयत्न करते रहते हैं।

हमारे गुरुजी की वास्तविक पीडा यह है कि वो जिन बातों की आड ले कर दूसरे धर्मों को नीचा दिखाना चाहते हैं, वे इस्लाम मे अधिकारिक रूप से सम्मिलित हैं, यथाः-
कुरान बलात्कार का आदेश देता है, मुहम्मद खुद बलात्कारी था।

मुहम्मद ने अपनी पुत्रवधु (जैनब) से बलात्कार किया।

मुहम्मद वेश्याओं के साथ सोता था

मुहम्मद दूसरों की उपस्थिति मे संभोग करता था

मुहम्मद उँट का पेशाब पीता था

इस्लाम के अनुयायी छोटे बच्चों से यौन संबंध बनाते हैं http://www.childtrafficking.com/Docs/mattar_2003__trafficking_mi.pdf

इस्लाम के अनुसार गुलामों पर अत्याचार ज़ायज है HYPERLINK "http://wikiislam.net/wiki/Al-'Azl"http://wikiislam.net/wiki/Al-'Azl

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