जमाल की पुरानी आदत है, किसी भी बात का अधकचरा ज्ञान मिला नही कि दौड पडे दुनिया को बताने कि देखो मै कितना ज्ञानी हूँ। यहां बात हो रही है सिख गुरुओं द्वारा बलि देने की - अब इस अक्ल के पैदल को कौन समझाए कि सिख गुरुओं मे बलि की परंपरा नही रही, मात्र दशम् गुरु, श्री गुरु गोविंद सिंह द्वारा अनुयायियों कि परीक्षा लेने हेतु बलि का नाटक किया गया था। अब इसी घटना को पढ कर मूढमति जमाल ने सोचा कि सिख गुरु जरूर मांसाहार करते होगे, जबकि आज भी अमृत चखा सिख मांसाहार नही करते। पर मूढ लोगो को समझाने का कोइ लाभ है क्या? उस पर तुर्रा यह कि दूसरों पर अज्ञानी होने का आरोप मढ दिया इस अहंकारी व्यक्ति ने।
सारी दुनिया जानती है कि मुस्लिम सभी धर्मों पर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने हेतु धन, बल सभी प्रयोग करते हैं, और इल्जाम हिन्दुओं पर। बढिया है।
दूसरी श्रेष्ठतम जानकारी - हलाल करने से जानवर को कष्ट नही होता, वाहियात बातें तो कोइ जमाल से सुने। अगर किसी जानवर की गर्दन को आधा रेत कर छोड दो तो उसे कष्ट नही होता है, मूर्खता की भी हद होती है।
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/11/hindu-rashtra-for-amuslim.html
बेहतरी समीक्षा
ReplyDeleteसत्य का आईना दिखाती पोस्ट
आप गुरु की जगह या साथ में मुर्खाधिराज , मुर्ख शिरोमणि , मूर्खाधिपति का प्रयोग कर सकते है
ReplyDeleteआप झंडू गुरु , चिरकुट गुरु शब्द का भी प्रयोग कर सकते है
ReplyDeletebadhiya
ReplyDeletesadar.