यह पोस्ट पढ़ा और पाया कि बी एन शर्मा जी ने जो कुछ भी लिखा है वो सब सत्य है, जमाल जैसे मुस्लिम मल मूत्र मे आनन्द ढ़ूढते हैं, उन्हे सिर्फ और सिर्फ यौन की बातें ही सुख पहुँचाती हैं, पशु मैथुन उनका प्रिय शगल है।
जमाल की घटिया मानसिकता इस पोस्ट मे खुल कर सामने आ गई।
(http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/04/question.html)
Monday, January 31, 2011
Sunday, January 30, 2011
इस्लाम परिवार, तथा पुरूषों, महिलाओं और बच्चों के योगदान के बारे में क्या दृष्टि कोण रखता है ?
हमारे गुरु ने दुनिया को सिर्फ और सिर्फ अरब के चश्मे से देखा है, इसीलिए तो सौतेली माँ से विवाह उसे सामान्य लगता है कहता है कि इस्लाम पूर्व यह ज़ायज था - होगा पर कहां? वहीं अरबी जंगलियों मे, यहां तो सौतेली मां ही क्यों, पिता के उम्र की सभी महिलाएं मां समान मानी जाती थी। बेटी लक्ष्मी का रूप थी, और सदैव पूजनीय थी।
यह तो मलेच्छ मुस्लिम राक्षसों के द्वारा महिलाओं को उठाने की घटनाओं के चलते स्त्रियों की रक्षा की बात सोचनी पडी अन्यथा भरत भूमि पर इसका कोइ खतरा कभी नही रहा।
कहतें हैं कि कि गैर मुस्लिमों के यहाँ परिवार टूटा हुआ है, कोइ जरा पूछे कि शाहबानो को किस श्रेणी मे रखोगे? अगर वो मुस्लिम है तो उसका परिवार कहां है? और अगर वो टूटे परिवार का हिस्सा है तो उसका धर्म क्या है?
गौर फरमाएं "इस्लाम ने परिवार के सतीत्व, उस की पवित्रता, पाकदामनी, और उस के नसब (वंशावली) की रक्षा की है" कैसा नसब? आज इससे विवाह, कल तलाक, परसों दूसरे के साथ गुलछर्रे, बढिया नसब है।
(http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/03/blog-post_26.html)
यह तो मलेच्छ मुस्लिम राक्षसों के द्वारा महिलाओं को उठाने की घटनाओं के चलते स्त्रियों की रक्षा की बात सोचनी पडी अन्यथा भरत भूमि पर इसका कोइ खतरा कभी नही रहा।
कहतें हैं कि कि गैर मुस्लिमों के यहाँ परिवार टूटा हुआ है, कोइ जरा पूछे कि शाहबानो को किस श्रेणी मे रखोगे? अगर वो मुस्लिम है तो उसका परिवार कहां है? और अगर वो टूटे परिवार का हिस्सा है तो उसका धर्म क्या है?
गौर फरमाएं "इस्लाम ने परिवार के सतीत्व, उस की पवित्रता, पाकदामनी, और उस के नसब (वंशावली) की रक्षा की है" कैसा नसब? आज इससे विवाह, कल तलाक, परसों दूसरे के साथ गुलछर्रे, बढिया नसब है।
(http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/03/blog-post_26.html)
Saturday, January 29, 2011
ऋषियों को नाहक़ इल्ज़ाम न दो The truth about great rishies ? part second
अनवर जमालगोटा जी को बड़ा कष्ट है कि हिन्दू धर्म ग्रन्थों के साथ खिलवाड हो रहा है, इसके लिए वो दिन रात मगरमच्छी आंसू बहाते रहते हैं। इस पर बड़ा श्रम भी करते हैं।
अपने अरब स्वामियों के द्वारा दिए गये पैसों पर चलने वाले मुद्रक संस्थाओं मे कुछ भाडे के टट्टू पाल रखे हैं जो कि इनके कहे अनुसार लिख देते हैं और ये उसी का हवाला दे कर दुनिया मे नाचते रहते हैं।
दुनिया से यत्न पूर्वक इस बात को छुपाते हैं कि पुराणों का लेखन मुगल काल मे हुआ था, स्वमेव ही समझ मे आने वाली बात है कि ऐसे मे उस पर क्या प्रभाव रहा होगा।
संस्कृत की गलत व्याख्या करके गलत को सही सिद्ध करने का अनथक प्रयत्न करते रहते हैं।
हमारे गुरुजी की वास्तविक पीडा यह है कि वो जिन बातों की आड ले कर दूसरे धर्मों को नीचा दिखाना चाहते हैं, वे इस्लाम मे अधिकारिक रूप से सम्मिलित हैं, यथाः-
कुरान बलात्कार का आदेश देता है, मुहम्मद खुद बलात्कारी था।
मुहम्मद ने अपनी पुत्रवधु (जैनब) से बलात्कार किया।
मुहम्मद वेश्याओं के साथ सोता था
मुहम्मद दूसरों की उपस्थिति मे संभोग करता था
मुहम्मद उँट का पेशाब पीता था
इस्लाम के अनुयायी छोटे बच्चों से यौन संबंध बनाते हैं http://www.childtrafficking.com/Docs/mattar_2003__trafficking_mi.pdf
इस्लाम के अनुसार गुलामों पर अत्याचार ज़ायज है HYPERLINK "http://wikiislam.net/wiki/Al-'Azl"http://wikiislam.net/wiki/Al-'Azl
अपने अरब स्वामियों के द्वारा दिए गये पैसों पर चलने वाले मुद्रक संस्थाओं मे कुछ भाडे के टट्टू पाल रखे हैं जो कि इनके कहे अनुसार लिख देते हैं और ये उसी का हवाला दे कर दुनिया मे नाचते रहते हैं।
दुनिया से यत्न पूर्वक इस बात को छुपाते हैं कि पुराणों का लेखन मुगल काल मे हुआ था, स्वमेव ही समझ मे आने वाली बात है कि ऐसे मे उस पर क्या प्रभाव रहा होगा।
संस्कृत की गलत व्याख्या करके गलत को सही सिद्ध करने का अनथक प्रयत्न करते रहते हैं।
हमारे गुरुजी की वास्तविक पीडा यह है कि वो जिन बातों की आड ले कर दूसरे धर्मों को नीचा दिखाना चाहते हैं, वे इस्लाम मे अधिकारिक रूप से सम्मिलित हैं, यथाः-
कुरान बलात्कार का आदेश देता है, मुहम्मद खुद बलात्कारी था।
मुहम्मद ने अपनी पुत्रवधु (जैनब) से बलात्कार किया।
मुहम्मद वेश्याओं के साथ सोता था
मुहम्मद दूसरों की उपस्थिति मे संभोग करता था
मुहम्मद उँट का पेशाब पीता था
इस्लाम के अनुयायी छोटे बच्चों से यौन संबंध बनाते हैं http://www.childtrafficking.com/Docs/mattar_2003__trafficking_mi.pdf
इस्लाम के अनुसार गुलामों पर अत्याचार ज़ायज है HYPERLINK "http://wikiislam.net/wiki/Al-'Azl"http://wikiislam.net/wiki/Al-'Azl
विधवा महिला का जीवन The hard life of Indian widows.
हमारे गुरु अनवर भंडुवा जमाल को एक ब्राहमण विधवा को ब्राहमण समाज़ द्वारा मेहनत मज़दूरी करने से रोकने पर बड़ा दुःख हुआ। होना भी चाहिए, पर मुझे कुछ बातें समझ नहीं आईः-
१. अगर उस विधवा पर नौकरी नही करने का दबाव है तो वो गांव से इतनी दूर आकर नौकरी कैसे कर लेगी, ऐसे मे वो हमारे गांडुश्री गुरु से नौकरी क्यों मांग रही थी?
२. विधवा विवाह - हिन्दु समाज़ मे अब कोइ आश्चर्य की बात नही रहे, परन्तु यदि कोइ जोड नही मिलता तो क्या जबरदस्ती मेहर की रकम के लिए किसी के गले बांध दी जाए यह महिला?
३. इस महिला के द्वारा चरखा कात कर धनोपार्जन किया जा रहा है, जिसमे वो समर्थ है, शारिरिक श्रम के बारे मे कह नही सकते, क्यों हमारे गांडु गुरु इसके पीछे पड़े हैं?
४. कितनी मुस्लिम विधवा महिलाओं को काम नही करने दिया जाता - गांडुश्री उस पर अपने विचार कब रखेंगें?
(http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/03/hard-life-of-indian-widows.html)
१. अगर उस विधवा पर नौकरी नही करने का दबाव है तो वो गांव से इतनी दूर आकर नौकरी कैसे कर लेगी, ऐसे मे वो हमारे गांडुश्री गुरु से नौकरी क्यों मांग रही थी?
२. विधवा विवाह - हिन्दु समाज़ मे अब कोइ आश्चर्य की बात नही रहे, परन्तु यदि कोइ जोड नही मिलता तो क्या जबरदस्ती मेहर की रकम के लिए किसी के गले बांध दी जाए यह महिला?
३. इस महिला के द्वारा चरखा कात कर धनोपार्जन किया जा रहा है, जिसमे वो समर्थ है, शारिरिक श्रम के बारे मे कह नही सकते, क्यों हमारे गांडु गुरु इसके पीछे पड़े हैं?
४. कितनी मुस्लिम विधवा महिलाओं को काम नही करने दिया जाता - गांडुश्री उस पर अपने विचार कब रखेंगें?
(http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/03/hard-life-of-indian-widows.html)
Thursday, January 27, 2011
ऋषियों को नाहक़ इल्ज़ाम न दो Do you know the truth about great rishies ? part first
गांडु गुरु अनवर जमाल को दूसरे धर्म के बारे मे कुछ अनर्गल लिखने को मिले तो ज़रा भी मौका नही चूकता है, पर अगर उसके धर्म बारे मे लिखो तो उसे मिर्च लग जाती है।
यहाँ ब्लॉग http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/01/do-you-know-truth-about-great-rishies.html मे वो हिन्दू महर्षियों के बारे मे गलत - गलत कहानियों का प्रचार कर रहा है, पूछने पर गांडू बोलेगा कि यह तो किताबों मे लिखा है, अब इसी प्रकार रंगीला रसूल किताब मे जो कुछ लिखा है जैसे मुहम्मद ने अपनी पुत्रवधु से बलात्कार किया, मुहम्मद अपनी बहनों से संभोग किया, मुहम्मद ने अपने सभी स्त्री संबंधियों से यौन संबंध बनाए ऐसा भी बताओ तो इसको चक्कर आने लगेंगें।
(http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/01/do-you-know-truth-about-great-rishies.html)
यहाँ ब्लॉग http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/01/do-you-know-truth-about-great-rishies.html मे वो हिन्दू महर्षियों के बारे मे गलत - गलत कहानियों का प्रचार कर रहा है, पूछने पर गांडू बोलेगा कि यह तो किताबों मे लिखा है, अब इसी प्रकार रंगीला रसूल किताब मे जो कुछ लिखा है जैसे मुहम्मद ने अपनी पुत्रवधु से बलात्कार किया, मुहम्मद अपनी बहनों से संभोग किया, मुहम्मद ने अपने सभी स्त्री संबंधियों से यौन संबंध बनाए ऐसा भी बताओ तो इसको चक्कर आने लगेंगें।
(http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/01/do-you-know-truth-about-great-rishies.html)
Wednesday, January 26, 2011
आदरणीय चिपलूनकर जी
हमारे गांडु गुरु को चिपलुनकर नाम के एक महोदय बहुत सताते हैं, और जैसे शेन वार्न के सपने में सचिन आते थे, ये जनाब वैसे ही हमारे गुरु जी के सपने मे घुस आते हैं और हमारे गुरु जी बिस्तर गीला कर देते हैं। देखो न, जो कान चिपलुनकर नही कर रहे उसमे भी चिपलुनकर जी से डर रहे हैं हमारे गांडु गुरु।
जनाब कह रहे हैं कि क्षेपक की घटनाएं कुरान के साथ हुई हैं, पर आलिमों ने पहचान कर उन्हे अलग कर दिया और मुनाफ़िक करार दिया, चलो मान लेते हैं पर इस्लाम के अलग अलग फिरके अलग अलग हदीसों को मुनाफ़िक मानते हैं, अर्थात अभी यह निश्चित नही कि असली कौन, सब अपने वाले को असली मानते हैं, ठीक इसी प्रकार हिन्दु भी अलग अलग मत को सही मानते हैं, फिर क्या अंतर रहा? कैसे मान लें कि कुरान मे कोइ मिलावट नही है पर हिन्दु ग्रन्थों मे है? पर हमारे गांडु गुरुजी को कौन समझाए?
(http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/03/blog-post_08.html)
जनाब कह रहे हैं कि क्षेपक की घटनाएं कुरान के साथ हुई हैं, पर आलिमों ने पहचान कर उन्हे अलग कर दिया और मुनाफ़िक करार दिया, चलो मान लेते हैं पर इस्लाम के अलग अलग फिरके अलग अलग हदीसों को मुनाफ़िक मानते हैं, अर्थात अभी यह निश्चित नही कि असली कौन, सब अपने वाले को असली मानते हैं, ठीक इसी प्रकार हिन्दु भी अलग अलग मत को सही मानते हैं, फिर क्या अंतर रहा? कैसे मान लें कि कुरान मे कोइ मिलावट नही है पर हिन्दु ग्रन्थों मे है? पर हमारे गांडु गुरुजी को कौन समझाए?
(http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/03/blog-post_08.html)
Sunday, January 23, 2011
आपकी-हमारी गाढ़ी कमाई पर डाका कौन डाल रहा है ?
अनवर जमाल, हमारे गांडू गुरु को एक जानकारी मिली और अपनी कम-अक्ली के चलते उन्होने यह जानने की कोशिश किए बिना कि इसमे सच्चाई कितनी है, एक पोस्ट पेल दी। जानकारी - "चुनाव आयोग का कहना है कि देश में 1200 राजनीतिक पार्टियां पंजीकृत हैंण्ण्ण्इनमें से सिर्फ 16 फ़ीसदी ही यानि 200 पार्टियां ही राजनीतिक गतिविधियों में लगी हैं बाकी ज्यादातर पार्टियां राजनीतिक चंदे के नाम पर काली कमाई को धो कर व्हाईट करने में लगी हैं..." अब कोइ जा कर मेरे गधे गुरु से पूछे कि चुनाव आयोग कब से आर्थिक गतिविधियों का हिसाब किताब लेने लग गया और कब से पार्टियां ये देने लगी? इसके पारदर्शिता के लिए चंदा चेक से लेने का प्रस्ताव तो दशकों से अटका हुआ है क्योंकि कोइ अपनी आर्थिक गतिविधि का खुलासा नही करना चाहता है, पर हमारे गुरु जी..............
(http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/01/organised-crime-against-india.html)
(http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/01/organised-crime-against-india.html)
Thursday, January 20, 2011
भाषा बनी हथियार
हमारे गुरु गांडुश्री अनवर जमाल को उस हर वस्तु से नफरत है जो किसी भी प्रकार से हिन्दुस्तान की प्राचीन सभ्यता की बड़ाई करे, संस्कृत उसमे से एक है। अब गंवार अरबों की भाषा तो किसी भी कीमत पर संस्कृत से प्रतियोगिता नही कर सकती है तो गुरु जी ने पंजाबी के कंधे पर बंदूक रख कर गोली दागी है इस बार।
लडा दो, दो भारतीय भाषाओं को आपस में।
और हिन्दु बेवकूफ तो समझने से रहे इस चाल को।
लडा दो, दो भारतीय भाषाओं को आपस में।
और हिन्दु बेवकूफ तो समझने से रहे इस चाल को।
अहसास की परतें - समीक्षा
प्रिय मित्रों,
मैने यह महसूस किया कि हमारे मध्य कुछ ब्लोग ऐसे हैं जिनका संदेश जनता ठीक से ग्रहण नही कर पा रही है, विशेषकर हिन्दु भाई लोग। ऐसे ब्लोग की समीक्षा लिख कर उनको समझाया जाएगा कि कैसे उच्च विचारों का प्रतिपादन करते हैं ये ब्लोग।
इस कड़ी मे मुझे सबसे पहला नाम अनवर जमाल का याद आया अतः इनसे ही इस ब्लोग का प्रारंभ करेंगे।
मैने यह महसूस किया कि हमारे मध्य कुछ ब्लोग ऐसे हैं जिनका संदेश जनता ठीक से ग्रहण नही कर पा रही है, विशेषकर हिन्दु भाई लोग। ऐसे ब्लोग की समीक्षा लिख कर उनको समझाया जाएगा कि कैसे उच्च विचारों का प्रतिपादन करते हैं ये ब्लोग।
इस कड़ी मे मुझे सबसे पहला नाम अनवर जमाल का याद आया अतः इनसे ही इस ब्लोग का प्रारंभ करेंगे।
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