Thursday, January 20, 2011

अहसास की परतें - समीक्षा

प्रिय मित्रों,

मैने यह महसूस किया कि हमारे मध्य कुछ ब्लोग ऐसे हैं जिनका संदेश जनता ठीक से ग्रहण नही कर पा रही है, विशेषकर हिन्दु भाई लोग। ऐसे ब्लोग की समीक्षा लिख कर उनको समझाया जाएगा कि कैसे उच्च विचारों का प्रतिपादन करते हैं ये ब्लोग।

इस कड़ी मे मुझे सबसे पहला नाम अनवर जमाल का याद आया अतः इनसे ही इस ब्लोग का प्रारंभ करेंगे।

2 comments:

  1. जनाब को आदाब ! आपके लिए नया साल अच्छा गुज़रे ऐसी हम कामना करते हैं। आपकी फ़ोटो अच्छी लगी।
    आपकी शरारत मुझे अच्छी लगी . शरारत मुझे पसंद है.
    एक लेखक केवल अपने पाठकों की तवज्जो चाहता है .
    वह आप मुझे दे भी रहे हैं और दिला भी रहे हैं .
    मैं आपका आभारी हूँ.
    आपने मुझे गुरु का दर्जा भी दिया . इस सम्मान के लिए भी मैं आपका शुक्रगुजार हूँ.
    आपकी जिज्ञासाओं को शांत करेगी

    प्यारी मां
    ये लिंक्स अलग से वास्ते दर्शन-पठन आपके नेत्राभिलाषी हैं।
    http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2010/12/virtual-communalism.html

    http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/12/patriot.html


    http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/01/standard-scale-for-moral-values.html

    http://mankiduniya.blogspot.com/

    http://pyarimaan.blogspot.com/

    http://commentsgarden.blogspot.com/

    http://ahsaskiparten.blogspot.com/

    http://islamdharma.blogspot.com/

    http://vedquran.blogspot.com/

    मेरे दिल के हर दरवाज़े से आपका स्वागत है।

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  2. आपका यह गुरु इस लायक भी नहीं कि उसकी बेतुकी कुतर्की प्रलाप की समीक्षा की जाय,उसको महत्व देना नजायज है।

    उसका एक ही मक़सद है वेदो के बारे में इतनी घ्रणित बातें फ़ैलाओ की वेद अपसंस्कृत होकर कुरआन के समकक्ष गंदे दिखें, और यह साम्य दिखाकर सनातन धर्म को इसलाम ही बताने लगे।

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