Wednesday, February 2, 2011

Butterfly किसी मुफ़्ती के फ़तवे की वजह आज तक नाहक़ इतनी जानें न गई होंगी जितनी कि इस देश में डाक्टरों के क्लिनिक में रोज़ाना ले ली जाती हैं और कहीं चर्चा तक नहीं होता।

मैं पूरा ब्लॉग पढ गया अंत तक एक लाइन नही मिली विषय के बारे में।

उसके पहले हमारे साधु गुरु जी को "तितली टाइप लड़कियों" प्रयोग करते हुए शर्म भी नही आई और अब भी कहेंगे कि मै तो स्त्रियों कि इज्जत करता हूँ।

अंत मे - क्या डॉक्टरों का भी विरोध होना चाहिए, या मुल्लओं को भी छूट मिलनी चाहिए जान लेने की, सोच क्या है, शायद लेखक को भी मलूम नही थ इसलिए कुछ लिखा नही।


(http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/07/butterfly-anwer-jamal.html)

8 comments:

  1. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  2. आप की समीक्षा सराहनीय है

    ReplyDelete
  3. समीक्षा अच्छी लगी। मेरे पोस्ट पर आना अच्छा लगा।

    ReplyDelete
  4. please remove abusive word ''g...'.this is not sending right message .you can express your agony in desent manner .on the other hand your writing skills are too good .i hope you do'nt mind my advise .

    ReplyDelete
  5. गांडु गुरु
    naam kuchh samajh nahi aaya sahab
    wese aap likhte bahut achcha hai

    ReplyDelete
  6. आप लिखते है ..अच्छा ..लेकिन कुछ शब्द मुझे भी समझ नहीं आये ...जरा अर्थ बताना ....क्या माजरा है ...आपका आभार

    ReplyDelete
  7. मैने आपत्तिजनक शब्द बिना किसी शर्त के हटा लिया है पर क्या आपमे से कोइ मुझे बेहतर शब्द सुझा सकता है।

    ReplyDelete