Friday, March 11, 2011

दोषी कौन ?, भगवान या इंसान The duty of man

कहते हैं कि जो जैसा होता है उसे सब वैसे ही दीखते हैं।

एक बार एक साधु रास्ते मे बेहोश हो गिर पडा, उधर से गुजरते एक बेवडे ने सोचा कि ज्यादा पीने से ऐसा हुआ है, चोर ने सोचा कि चोरी करने के बाद बचने के लिए साधु वेश मे नाटक कर रहा है जबकि एक साधु ने सही पहचानते हुए उनका उपचार किया। इसी प्रकार यदि ज़माल को सब चोर दिखते हैं सभी बेईमान दिखते हैं तो ज़माल का इमान कैसा होगा खुद बखुद समझ आ जाता है।

बेचारे मंजुनाथ, सत्येन्द्र नाथ इत्यादि की शहादत की कीमत वो क्या जानेगा जो अपने देश की आत्मा को न जान सका।


http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/12/duty-of-man_9894.html

8 comments:

  1. दोषी स्रिफ इन्सान हो सकता है ,पर कीमत भी इंसान की होती है

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  2. ये जमाल तो खुद गद्दार है लोगो को गुमराह कटा है ये क्या दूसरो को समझा सकता है

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  3. sahi kaha aapne jo jaisa hota hai
    wasi hi pratikriya karata hai

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  4. जमाल गोटा बहुत बेशरम है
    इतनी गालिया खाने के बाद भी सुधरा नही
    ब्लागजगत का सबसे बदनाम ब्लागर है जमालगोटा.

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  5. अ--आतंकवादी
    न--नमकहराम
    व--वेशरम
    र--रंगा सियार
    ज--जमूरा
    मा--मुफ्तखोर
    ल--लंपट

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  6. 'भंडाफोड़ू ' पर शर्मा जी की नयी पोस्ट पढ़े

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  7. भाई समीक्षा सिंह जी ! आपने हमसे Chat पर फोटो माँगे थे और मेरे दिए लिंक में से आपने दो का चयन किया था , वे आपने किस पोस्ट में लगाए हैं ? यहाँ तो उनमें से कोई नज़र ही नहीं आ रहा है ?

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  8. पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ पर आपके ब्लॉग पर
    आकर प्रसंता हुई जितनी तारीफ़ की जाय कम है ।
    बहुत ख़ूबसूरत लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है!
    आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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