हमारे गुरु घंटाल को ऐसा क्यों भ्रम है कि सब उनके जैसे ही हैं, अब अपनी ही पोस्ट को हॉट करने के लिए खुद ही भला कोइ क्यों कमेंट देगा (हां मेरे गुरु घंटाल यह कर सकते हैं कई फर्जी id से, IMPACT, etc…)
पवन जी से मेरी शिकायत - कौवे की तुलना मेरे गुरु घंटाल से कर के उसका अपमान क्यों किया? आगे से ऐसा न करें। अगर ऐसी दुश्चेष्टा दोबारा की तो काक भुशुण्डी के वंशज आपके खिलाफ आंदोलन करेंगे।
मैने व्यर्थ ही अपने गुरु घंटाल के ज्ञान पर शंका की, ये ज्ञान उन्होने मिर्गी के दौरों के दौरान मिले, इसमे कोइ गडबड नही हो सकती।
मिश्र जी आप भी किससे स्पष्ट उत्तर मांग बैठे?
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/12/islam-is-sanatan-by-anwer-jamal.html
हा हा हा
ReplyDeleteभाई रविन्द्र जी मै क्षमा प्रार्थी हूँ
लेकिन जैसे सब दैत्य प्रहलाद नही हो सकते वैसे सब कौवे कग्भुसुन्दी नही हो सकते
ये कौवा तो ..........वही बैठता है
फोटो अब सच्चाई बयां कर रही है
इस कौवे कि अच्छी पड़ताल की है आपने
हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
ReplyDeleteये महासय सपनो में जीते है ,इस्लाम की हिस्टरी सब जानते है कह्ना से आया
इसको लाने वाला कौन था ,इसने अपनी गन्दी सोच से सारे गन्दी सोच वालो को एक साथ कर दिया
ये उसी गन्दी सोच का नतीजा है ,
अब ये साहब कहाँ से कौन से उदहारण लायेगे ,बस आप ये देखते जाओ
bas chorna nahi bhai ravinderji
ReplyDeleteजो काम इस कौवे को उड़ाने के लिए पवन भैया ने शुरू क्या था उसे आपको आगे बढ़ाते देख कर बड़ी खुशी हुई. मै आपके साथ हूँ इस जमाल को जमाल घोटा दिला दिया है तभी तो इसे दस्त आ गए है हा हा हा
ReplyDeleteइस समय ब्लाग जगत पर बहुत कुछ वो हो रहा है जो नही होना चहिये था ।
ReplyDeleteलोग आँख बन्द करके एक ऐसे व्यक्ति का अनुसरण करते जा रहे है जिसकी ना तो नियत साफ है ना इरादे स्पष्ट । समझ नही आता कैसे कुछ विद्यजन भी उसके साथ सहयोगी बने दीख रहे है ।
ऐसे समय मे आपका ब्लाग उम्मीद की एक रौशनी सा नजर आता है ।
बहन अपर्णा मेरे ब्लॉग पर आपके आने से यह भाई प्रसन्न हुआ। आप की शुभकामनाएं मुझे सफल करेंगी।
ReplyDeleteSuryabhan ji thank you, you & killer jhapata rocked @ "kaam ki baaten"
ReplyDeleteSanjay ji thank you. you are always present at my post without fail, thanks a lot.
ReplyDeleteआलोक जी पवन जी मैं आपको शुक्रिया नही कहुँगा, आप पर मेरा हक है, और इस ब्लॉग पर आना आपका कर्तव्य।
ReplyDeleteवाह वाह वाह अहसास भैया क्या छाप डालते हो आप। बहुत जोरदार।
ReplyDelete"ये ज्ञान उन्होने मिर्गी के दौरों के दौरान मिले, इसमे कोइ गडबड नही हो सकती" इन लाइनों में गजब का पंच है। ही ही।
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