Women in the society आदमी के लिए ईनामे खुदा है औरत - ब्लॉग का शीर्षक ही बताता है कि हमारे गुरु घंटाल औरतों को वस्तु की श्रेणी मे रखते हैं उन्हे "ईनाम" समझते हैं, ऐसे मे इनसे ज्यादा की उम्मीद तो क्या रखना। ऐसे मे यह लोग औरत की कितनी इज्जत करते हैं अपने आप मे समझ मे आ जाता है, किसी के समझाने की जरूरत नही रहती।
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/12/women-in-society-by-anwer-jamal.html
मुसलमानों के लिए एक औरत सदेव एक वस्तु ही रही है
ReplyDeleteइनके लिए वो भोग की वस्तु है ,जो अल्लाह ने भेजी है
फिर औरत का वजूद ही कह्न बचा
gandi aur ghatiya soc
अहसास भाई
ReplyDeleteआपने जमालगोटे के साझा ब्लाग पर जो पोस्ट "मुस्लिम देश मे गैर मुस्लिम " वाली लिखी थी.
उस पर मैने कमेँट दिया
मेरा कमेँट पढ़कर शायद जमालगोटा को दस्त होने लगे.
और उसने मेरा कमेँट मिटा दिया.
मैने फिर से तीन बार उस कमेँट को पोस्ट कर दिया है
हो सकता है झंडू जमालगोटा फिर से वो कमेँट मिटा दे
इसलिये मै वो कमेँट यहाँ पे पोस्ट कर रहा हूँ
भाई हर धर्म हिन्दु धर्म की तरह महान नही होता. दूसरे धर्म के लोगो से प्यार ,करुणा,अपनापन,समानता का व्यवहार केवल हिँदु ही कर सकते है. उसी का उदाहरण है हिँदुस्तान मे इतने धर्मो के लोग खुशहाली से रहते है. यहाँ लड़ाई तभी होती है जब कुछ लोग हिँदुओ के इतने अच्छे व्यवहार का गलत फायदा उठाना चाहते है. और रही बात पाकिस्तान की तो
ReplyDeleteहम पाकिस्तानी लोगो से और क्या उम्मीद कर सकते है. राक्षसो से केवल राक्षसी कामो की उम्मीद की जा सकती है
और पाकिस्तानी राक्षस वो कर भी रहे है.उसमे गलत क्या है.
और रही बात पाकिस्तान मे रह रहे हिँदुओ की तो मै तो यही चाहूंगा कि वो सब भारत मे आ जाये
जब यहाँ पर 6 करोड़ बांग्लादेशी अवैध रुप से रह सकते है
तो पाकिस्तानी हिँदु क्यो नही ?
GOOD
ReplyDeleteरोहित भाई स्वागत है आपका, आप आईए और अपनी टिप्पणीयों का बम फोडिए।
ReplyDeleteअहसास की परतें भैया,
ReplyDeleteआप बहुत सही काट रहे हो। यहाँ आने वाले हर सदस्य को मेरी ओर से होली पर्व की शुभकामनायें। आप सभी जो भी टिप्पणियाँ यहाँ करें, उन्हें कट पेस्ट करके किलर झपाटा ब्लाग पर भी कर सकते हैं। मोस्ट वैलकम।